मुंबई: दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के दो साल बाद एक सनसनीखेज दावा किया गया है. सुशांत सिंह राजपूत के शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले अस्पताल के मोर्चरी स्टाफ ने दावा किया है कि सुशांत सिंह की मौत की वजह आत्महत्या नहीं थी. उनके गले पर चोट के निशान थे. खबर के मुताबिक, कूपर अस्पताल की मोर्चरी में मौजूद एक कर्मचारी ने इसे हत्या का मामला बता कर अभिनेता की हत्या की थ्योरी को फिर मजबूत कर दिया है. अस्पताल के मोर्चरी अटेंडेंट रूपकुमार शाह ने बताया कि घटना की रात जब वह काम कर रहे थे तब एक वीआईपी बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था. शाह ने कहा कि सुशांत का नंबर रात में 11 बजे आया था. बॉडी को देखने पर शाह ने पाया कि उनके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे.
कर्मचारी के अनुसार, सुशांत के शरीर में अलग-अलग ढंग से हाथ पैरों में फ्रैक्चर के निशान थे जैसे कि उन्हें मारा गया हो. उन्होंने कहा कि ये खुदखुशी नहीं मर्डर है, कोई भी देखने के बाद यही बोलेगा. आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत 14 जून, 2020 को उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे. रिया चक्रवर्ती पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने और उनकी संपत्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था. ‘मेरे डैड की मारुति’ और ‘जलेबी’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं रिया (29) को सुशांत की मृत्यु से जुड़े मादक पदार्थ तस्करी मामले में 28 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था.
वहीं पोस्टमार्टम पर सवाल पूछने पर उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या लिखना है यह डॉक्टर का काम है. शाह ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की तस्वीर देखकर हर कोई बता सकता है कि उनका मर्डर किया गया था. उन्होंने कहा कि अगर जांच एजेंसी उन्हें बुलाएगी तो वह उन्हें सभी चीजें बता देंगे. इससे पहले भी कर्मचारी ने बताया था कि जब सुशांत सिंह राजपूत का निधन हुआ, तो उस दौरान हमें पोस्टमॉर्टम के लिए कूपर अस्पताल में पांच शव मिले थे. उन पांच शवों में से एक वीआईपी शव था. जब हम पोस्टमॉर्टम करने गए तो पता चला कि वह वीआईपी शव सुशांत का था और उनके शरीर पर कई निशान थे. उनकी गर्दन पर भी दो से तीन निशान थे. पोस्टमॉर्टम को रिकॉर्ड करने की जरूरत थी, लेकिन उच्च अधिकारियों को केवल शरीर की तस्वीरें लेने के लिए कहा गया था. इसलिए, उन्होंने सिर्फ उन्हीं आदेशों का पालन किया.’ उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगा कि न्याय मिलना चाहिए, इसलिए मैंने अब जाकर कहा है.
खबर के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम करने वाले शाह ने कहा कि वह इस मामले के बारे में अब बोल रहे हैं, क्योंकि वह इस साल नवंबर में सेवा से सेवानिवृत्त हुए. उन्होंने दावा किया कि जब मैंने सुशांत राजपूत के शव पर अलग-अलग निशान देखे तो मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे नजरअंदाज कर दिया.