Mumbai : मुम्बई में खसरे का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को खसरे से संक्रमित 33 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसके बाद खसरे से पीड़ित बच्चों की संख्या अब 371 हो चुकी है. अब तक संदिग्ध मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 4433 हो चुकी है. मुंबई में खसरे से पीड़ित 108 बच्चे अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं, जिसमें से 16 बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है, वहीं 5 बच्चे आईसीयू में भर्ती हैं और 3 बच्चे वेंटीलेटर पर हैं.
महानगर मुंबई में अब तक खसरे से 15 बच्चों की जान चली गई है, इनमें से 86 प्रतिशत बच्चे दो साल से छोटे थे. मृतकों में 5 बच्चे एक साल से छोटे थे जबकि 8 बच्चों की उम्र 1 से 2 साल के बीच और 2 बच्चों की उम्र दो से पांच साल के बीच थी. खसरे से जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें 9 लड़के और 6 लड़कियां थीं.
बीएमसी के डॉ प्रज्वल शेट्टी ने बताया कि "इस बीमारी की चपेट में वे वयस्क भी आ सकते हैं, जिन्हें खसरे का टीका नहीं लगा है. लेकिन ज्यादा रिस्क 0-5 साल के बच्चों को लेकर है क्योंकि वयस्क खसरा होने के बाद जल्द ठीक हो रहे हैं, बच्चों में समस्या ज़्यादा है.''
महाराष्ट्र में अब तक खसरे के 717 मामले आ चुके हैं, इनमें सबसे ज़्यादा 43% केसेज मुंबई से हैं. इस साल खसरे के 11,390 संदिग्ध मामले मिले हैं जबकि 2019 में यह संख्या महज 1337 थी. यानी इस साल संदिग्ध मामलों में क़रीब 700% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मुंबई सहित खसरा राज्य के क़रीब 12 ज़िलों में फैल चुका है.
महाराष्ट्र के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि, "इससे निपटने के लिए सरकार को टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लानी होगी और खसरे के बारे में जागरूकता फैलानी होगी. सरकार को स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा विभाग को भी शामिल कर कार्यबल का गठन करना चाहिए. खसरा एक संक्रामक रोग है जो आसानी से फैलता है."