Maharashtra Inspirational News: कोविड-19 महामारी के बाद से बच्चे मोबाइल फोन और टीवी के आदी होते जा रहे हैं। नतीजतन अब बच्चों पर अत्यधिक मोबाइल और टीवी इस्तेमाल करने से होने वाला दुष्प्रभाव माता-पिता और विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है। दरअसल बच्चे पढ़ाई से दूर होने के साथ ही शारीरिक रूप से असक्रिय हो रहे है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के एक गांव ने इस समस्या का हल ढूंढ निकाला है।
कोल्हापुर के गडहिंग्लज तालुका के नूल गांव ने एक अहम फैसला लिया है। बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए गांव के सभी टीवी, मोबाइल फोन शाम को बंद करने का निर्णय लिया है। इसके तहत हर शाम 7 से 8.30 बजे तक गांव के सभी टीवी और मोबाइल फोन बंद रहेंगे।
बताया जा रहा है की यह निर्णय ग्राम सरपंच प्रियंका यादव की पहल पर लिया गया है। यादव ने बताया कि क्षेत्र के न्यू इंग्लिश स्कूल में आयोजित महिला अभिभावकों की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है। सरपंच यादव ने इस बैठक में गांव के सभी अभिभावकों से यह अपील की थी।
उन्होंने कहा "बच्चों को ज़िम्मेदार नागरिक बनाने के लिए कुछ चीज़ों की आज़ादी देने के अलावा कुछ चीज़ों पर पाबंदी लगानी होगी।” उन्होंने गांव के सभी अभिभावकों को समझाया कि रोज शाम को 7 से 8.30 बजे तक अपने घरों में टीवी और मोबाइल फोन बंद कर बच्चों को पढ़ने के लिए बिठाये।
क्या होंगे फायदे?
वर्तमान में बच्चों का रुझान पढ़ाई के बजाय मोबाइल, टीवी, इंटरनेट जैसी चीजों की ओर बढ़ा है। लिहाजा इस फैसले से बच्चों को एकाग्रता के साथ पढ़ाई करने में मदद मिलेगी। साथ ही इस फैसले से गांव की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होगा। हर दिन डेढ़ घंटो के लिए मोबाइल फोन और टीवी की स्क्रीन से दूर रहने से बच्चों को स्क्रीन एडिक्शन जैसी बीमारियों से बचाने में भही मदद मिलेगी।