महाराष्ट्र की राजनीति में हर दिन नए-नए मुद्दों को लेकर सियासी माहौल गरमा रहा है। महाविकास अघाड़ी के नेताओं और सत्ताधारी शिंदे-बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। वहीं ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने ठाकरे परिवार के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।
उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके परिवार ने बेहिसाब संपत्ति अर्जित की है। याचिकाकर्ता ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई से गहन जांच का आदेश देने की मांग भी इस याचिका में की। याचिका में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सीबीआई, ईडी के साथ महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray), उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे (Rashmi Thackeray) और बेटों आदित्य (Aaditya Thackeray) और तेजस (Tejas Thackeray) को भी प्रतिवादी बनाया गया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस अभय अहुजा की बेंच ने उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। साथ ही इस मामले को दूसरी बेंच के समक्ष रखने का भी आदेश दिया है।
इतनी संपत्ति के मालिक हैं उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व शिवसेना (शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे) चीफ उद्धव ठाकरे द्वारा दिए गए चुनावी हलफनामे के अनुसार, 61 वर्षीय नेता के पास कुल 143 करोड़ 26 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति है जिसमें चल और अचल संपत्ति शामिल है। हालांकि उनके नाम पर कोई गाड़ी नहीं है।
2020 में महाराष्ट्र विधान परिषद (MLC) चुनाव के लिए दिए गए एक हलफनामे के अनुसार, उद्धव ठाकरे 24.14 करोड़ रुपये के मालिक हैं और उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे 36.16 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के मालिक हैं, जबकि चल संपत्ति में उनके पास 37.93 करोड़ रुपये और उनकी पत्नी के पास 28.92 करोड़ रुपये यानी लगभग 66.85 करोड़ रुपये हैं।
दिलचस्प बात यह है कि उद्धव ठाकरे को 14.50 करोड़ रुपये की संपत्ति विरासत में मिली है। उनपर 4.06 करोड़ रुपये और उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे पर 11.44 करोड़ रुपये की देनदारी है। मातोश्री बंगले में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की 75 फीसदी हिस्सेदारी है।