मुंबई: मुंबई (Mumbai) में खसरे (Measles) का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा। जिस तरह से यहां बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं, वह आंकड़ा डरा देने वाला है। महाराष्ट्र (Maharashtra) में इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक खसरे के कुल 717 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 303 मामले अकेले मुंबई से है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग (State Health Department) ने यह जानकारी दी है। विभाग ने मंगलवार को जानकारी दी कि बच्चों को अधिक प्रभावित करने वाली इस बीमारी की चपेट में आकर अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है। 28 नवंबर तक अकेले मुंबई में खसरे की वजह से दस की मौत हो चुकी है।
मुंबई नगर निगम ने बुलेटिन में कही यह बात
मुंबई नगर निगम ने एक बुलेटिन में कहा, मंगलवार को शहर में पांच नए खसरे के मामले सामने आए और एक संदिग्ध की मौत हुई। जनवरी के महीने से नासिक (Nashik) जिले के मालेगांव (Malegaon) से संक्रमण के 70 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं मुंबई के पास भिवंडी (Bhiwandi) में इनकी संख्या 48 है। मुंबई में इनकी संख्या 74 है। मालूम हो कि यदि एक हफ्ते के भीतर संदिग्ध मामलों की संख्या पांच होती है और अगर इनमें से दो की प्रयोगशालाओं में पुष्टि हो जाती है, तो इसी स्थिति को महामारी (Outbreak) का नाम दिया जाता है।
राज्य में खसरे के मामलों में साल-दर-साल बढ़ोत्तरी
मुंबई में 01 जनवरी से लेकर संदिग्ध मामलों की संख्या 11,390 रही है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019, 2020 और 2021 में यही आंकड़ा क्रमश: 1,337, 2,150 और 3,668 रहा है। इस साल जिन भी 14 मरीजों की खसरे की बीमारी से मौत हुई है, उनमें से सिर्फ एक ने टीकाकरण (Vaccination) कराया था। इनमें से चार मरीजों की उम्र आयु सीमा 0-11 महीने के बीच है, आठ 12-24 वर्ष तक की आयु के थे और 25-60 साल की आयु सीमा के दो मरीज थे।
मरीजों में महिलाओं की संख्या छह थी। मुंबई में मृतकों की संख्या दस है, भिवंडी में तीन और वसई-विरार में एक है यानि कि कुल मिलाकर 14। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, बढ़ते मामलों के बीच विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) भी नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।