खसरा का प्रकोप पूरी दुनिया में फैल रहा है। भारत के कई राज्यों में इसका प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच विश्वस स्वास्थ्य संगठन (WHo) ने चेतावनी जारी की है। WHO की माने तो खसरे का एक मरीज करीब 12 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले साल की तरह इस बार भी इसका संक्रमण फैल सकता है। भारत की बात करें तो केरल, बिहार, हरियाणा, झारखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में खसरा से मौत के मामले दर्ज हुए हैं। राज्य सरकारें इससे निपटने की तैयारी कर रही है।
तेजी से खसरा फैलने की आशंका
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों को देखें तो साल 2021 में दुनिया भर के 22 देशों में यह बीमारी फैली थी। करीब 90 लाख लोग खसरा से संक्रमित हुए थे। जबकि 12 लाख 8 हजार लोगों की मौत हुई थी। WHO और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल भी खसरा तेजी से फैलने की आशंका है। इसके पीछे वजह खसरा टीकाकरण में लगातार गिरावट को बताया जा रहा है। इतना ही नहीं कोरोना की वजह से इस बीमारी पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया गया।
खसरा से निपटना चुनौतीपूर्ण
खसरा वायरस से फैलने वाला संक्रमण हैं। जिसे वैक्सीन के जरिए रोका जा सकता है। 9 महीने से लेकर 5 साल के बच्चों को खसरा का टीका लगाया जाता है। अगर टीकाकरण अच्छी तरह हो तो इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। सामुदायिक प्रकोपों को रोकने के लिए 95 प्रतिशत टीकाकरण की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2021 में कोरोना प्रकोप की वजह से चार करोड़ बच्चे खसरा वैक्सीन से चूक गए। इस साल इससे निपटने के लिए 12 से 24 महीने चुनौतीपूर्ण होंगे।
महाराष्ट्र की स्थिति खराब
महाराष्ट्र में स्थिति खराब हो गई है। रिपोर्ट्स की मानें तो 12 मामले मौत के दर्ज हो चुके हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए केंद्र ने राज्यों से संवेदनशील इलाकों में 9 महीने से 5 साल की उम्र के बच्चों को खसरा और रूबेला के टीके की अतिरिक्त खुराक देने पर विचार करने के लिए कहा है। यह खुराक 9 से 12 महीने के बीच दी जाने वाली पहली खुराक और 16 से 24 महीने के बीच दी जाने वाली दूसरी खुराक के अतिरिक्त होगी।