महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के शिंदे खेमे यानी 'बालासाहेबांची शिवसेना' में असंतोष पनप रहा है। शिंदे नीत शिवसेना के विधायक अपनी ही पार्टी के मंत्री पर आरोप लगा रहे हैं। असंतोष को जल्दी दूर नहीं किया गया तो, सत्तापक्ष की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे समर्थक विधायक ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के मुद्दों को लेकर मंत्री गुलाबराव पाटिल पर आरोप लगाए हैं। एरंदोल के विधायक चिमनराव पाटिल का आरोप है कि मंत्री पाटिल विरोधी पार्टी राकांपा विधायकों के क्षेत्रों के लिए फंड जारी कर रहे हैं, जबकि उनके क्षेत्र के लिए नहीं कर रहे। सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पाटिल ने सीएम शिंदे से मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।
पाटिल बनाम पाटिल, पुरानी है अदावत
दरअसल चिमनराव पाटिल व गुलाबराव पाटिल के बीच पुरानी अदावत है। दोनों पाटिल एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। जून में जब शिंदे गुट ने शिवसेना से बगावत की थी, तब चिमनराव ठाकरे गुट के साथ ही थे, लेकिन जब उनकी उपेक्षा होने लगी तो वे भी शिंदे के पाले में आ गए थे। वे भी मंत्री बनना चाहते थे, लेकिन सीएम शिंदे उनकी इस मंशा को पूरी नहीं कर सके।
ये विधायक भी आमने-सामने
उधर, अमरावती के निर्दलीय विधायक और सांसद नवनीत राणा के पति रवि राणा व प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक बच्चू कडू भी आमने-सामने आ गए हैं। राणा ने कडू पर रुपये लेकर शिंदे का समर्थन करने का आरोप लगाया था। इसे लेकर कडू ने राणा को बयान वापस लेने को कहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि राणा ने ऐसा नहीं किया तो वह उनके खिलाफ कोर्ट में केस दायर करेंगे।
बड़ा फैसला लेने की चेतावनी
विधायक कडू ने सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से भी दखल की मांग की है। कडू ने कहा कि यदि गठबंधन सरकार के शीर्ष नेता यह मामला नहीं सुलझाएंगे तो उनके आठ समर्थक विधायक बड़ा फैसला लेंगे।