बीकानेर: पुलिस ने नकली नोट छापने व सप्लाई करने वाले गिरोह से पौने तीन करोड़ रुपए बरामद किए हैं। छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी पिछले डेढ़ साल से यह काम कर रहे थे लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगने दी। अब लूणकरनसर थाने के दो पुलिस कांस्टेबलों की बदौलत पूरा गिरोह पुलिस के शिकंजे में आया है। एक महीने से दो कांस्टेबल व बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय के एक हेडकांस्टेबल व दो कांस्टेबलों की टीम काम कर रही थी। पुख्ता प्रमाण मिलने पर शनिवार को पुलिस ने गिरोह के छह सदस्यों को दबोच लिया। बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश ने यह जानकारी प्रेसवार्ता दी।
उन्होंने बताया कि गिरोह के मुख्य सरगना नोखा के सुरपुरा निवासी चम्पालाल उर्फ नवीन 31 पुत्र प्रेमसुख सारस्वत, जसरासर थाना क्षेत्र के बेरासर निवासी राकेश 22 पुत्र किसन शर्मा, नापासर थाना क्षेत्र के गुंसाईसर बड़ा निवासी पूनमचंद 26 पुत्र चतुर्भुज शर्मा, लूणकरनसर के वार्ड नंबर नौ निवासी मालचंद 29 पुत्र हिम्मताराम शर्मा, दंतौर निवासी नरेन्द्र 27 पुत्र कैलाश शर्मा, खाजूवाला थाना क्षेत्र के 28 केजेडी हाल वृन्दावन एन्क्लेव कॉलोनी प्लॉट नंबर 670 निवासी रविकान्त 24 पुत्र मनीराम जाखड़ को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से दो करोड़ 74 लाख नकली नोट बरामद किए गए हैं। इसके अलावा दो कार, एक प्रिंटर, छह पेपर कटर, कटर ब्लेड पैकेट दो, एक कैंची, दो ब्लैक मार्कर, नोटों के बंडल तैयार करने के लिए पारदर्शी प्लस्टिक पनी, काली प्लास्टिक पनी, प्लास्टिक स्केन 25, लोहे की स्केल दो, प्रिंटर में डालने वाली अलग-अलग स्याही के 13 छोटे व तीन बड़े डिब्बे, रबड़ बैंड, एक पेपर शीट पर आईसीआईसीआई बैँक एटीएम की पर्चियां, एसबीआई बैंक की पर्चियां, नोटों की गड्डी पर लगाने की एसबीआई की पर्ची का एक बंडल जब्त किया गया है।
देशभर में भेजे हैं नकली नोट
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि आरोपियों ने बीकानेर से देश दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, पुणे, चैन्नई, बैंगलोर, पटना, गुवाहाटी, शिलोंग, लुधियाना, चण्डीगढ़, सूरत, अहमदाबाद, वृंदावन, बनारस, गाजियाबाद आदि शहरों में सप्लाई किए जा रहे हैं।।
इस तरह सप्लाई करते थे नकली नोट
पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि नकली नोट गिरोह हवाले के जरिये नकली नोट की सप्लाई करते है। नोटों की सप्लाई के लिए फर्जी सिम का इस्तेमाल करते हैं। एक डिलेवरी हो जाने के बाद उस सिम को तोड़कर फेंक देते थे। मुख्य सरगना चम्पालाल शर्मा व्हाट्सअप से सम्पर्क करता था। एक बार किसी भी पार्टी को नोट देने के बाद दुसरी बार इस गिरोह का कोई दूसरा आदमी ही पार्टी के पास जाता था। डिलीवरी के समय नोट की गिनती नहीं करवाई जाती बल्कि पारदर्शी बंद पैकेट दिया जाता। जयादा ना-नुकुर होने पर यह लोग डिलीवरी देने से मना कर देते थे। गिरोह इतना शातिर था कि नोटों के बंडल में ऊपर और नीचे एक-एक नोट असली होता और बाकी नकली। जिसके बाद डिलीवरी कर दी जाती आौर जो असली मुद्रा इनके पास आती उसको यह आपस में बांट लेते। यह गिरोह करोड़ों रूपए के नकली नोट भारतीय बाजार में चला चुका है।
गिरोह का एक साथी नाकाबंदी तोड़ भागा और चढ़ गया पुलिस के हत्थे
बीकानेर में नकली नोट गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की दिल्ली में बैठे गिरोह के सदस्यों को लगी तो वह वहां कार लेकर फरार हो गए। आरोपी जिस कार से भागा उसकी जानकारी बीकानेर पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश के पास थी, उन्होंने वह जानकारी हरियाणा पुलिस से साझा की। पुलिस ने करनाल के पास नाकाबंदी की। आरोपी नाकाबंदी तोड़ भागा। हरियाणा पुलिस ने पीछा कर आरोपी दीपक को पकड़ लिया। आरोपी को बीकानेर लाने के लिए एक टीम करनाल रवाना हो गई है। पुलिस टीम ने दीपक की गाड़ी को लोकेट करवाकर बड़ी मात्रा में नकली नोट के साथ दीपक, केसरराम व एक अन्य को दस्तयाब किया है।
कार्रवाई करने वाली टीम
डिशन एसपी शहर अमित कुमार बुड़ानिया, नरेन्द कुमार पुनिया, ईश्वर प्रसाद जांगिड़, मनोज शर्मा, हेडकांस्टेबल नानूराम गोदारा, दीपक यादव, कानदान, संदीप जान्दू, रामप्रताप सायच, सुनिल कुमार, हरिओम, वासुदेव, सवाईसिंह, देवेन्द्र शामिल रहें।