बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आस-पास बनी खतरनाक ऊंची इमारतों पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए मुंबई उपनगर के कलेक्टर को एयरपोर्ट के पास बनी 48 ऊंची इमारतों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। इस कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट ने डेड लाइन भी तय की है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि, ध्वस्तीकरण की यह कार्रवाई 19 अगस्त तक पूरी कर लिया जाए।
बता दें कि, एयरपोर्ट के पास ऊंची इमारतों से विमानों को होने वाले खतरे पर हाईकोर्ट के पास वर्ष 2019 में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। वकील यशवंत शिनॉय द्वारा दायर इस याचिका में मांग की गई थी कि एयरपोर्ट के समीप बने निर्धारित ऊंचाई से अधिक ऊंचे भवनों पर कार्रवाई कर इन्हें ध्वस्त करने का आदेश दिया जाए। ये सभी भवन विमानों के लिए बेहद खतरनाक हैं। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक ने यह कड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट का यह आदेश केवल इमारत के उन्हीं हिस्सों को गिराने के लिए हैं जो एक निश्चित ऊंचाई से ऊपर हैं।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सर्वेक्षण कर तैयार की थी इन इमारतों की लिस्ट
इससे पहले कोर्ट ने इस याचिका पर 25 जुलाई को सुनवाई की थी। उस दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले में मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने जवाब मांगा था। उस समय एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बताया था कि, 2021-22 में एक सर्वेक्षण कर ऐसी इमारतों की पहचान की है जो एयरपोर्ट पर आने-जाने वाले विमानों के लिए खतरा बन सकते हैं। इस पर कोर्ट ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को इन इमारतों की लिस्ट सौंपने को कहा था। साथ ही महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुम्बई महानगरपालिका को हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा कि, उसने इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई की है। इस मामले में शुक्रवार को संबंधित सभी पार्टियों द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।