राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव को आपत्ति व्यवस्थापन विभाग को भेज दिया है. आपत्ति व्यवस्थापन विभाग में चर्चा के बाद 12 वीं की परीक्षा रद्द करने का निर्णय ले लिया जाएगा. स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने बताया कि बुधवार या गुरूवार को इस पर बैठक और चर्चा होगी.
अंतिम निर्णय उस चर्चा के बाद लिया जाएगा. कोविड काल में फिलहाल हर निर्णय आपत्ति व्यवस्थापन विभाग की ओर से लिया जा रहा है. वर्षा गायकवाड ने कहा कि यही वजह है कि हमने परीक्षा रद्द करने के प्रस्ताव के साथ यह फाइल उन्हें भेज दी है. गायकवाड ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ शिक्षा मंत्रियों की मीटिंग में भी महाराष्ट्र की तरफ से हमने परीक्षा रद्द करने के पक्ष में अपना मत दिया था.
महाराष्ट्र ने पहले ही यह भूमिका अपनाई थी कि जो केंद्र सरकार और केंद्रीय बोर्ड के संबंध में फैसला होगा, राज्य सरकार उसका अनुसरण करेगी. इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कुछ दिनों पहले अपने जनता संवाद में यह बताया भी था कि उनकी पीएम मोदी से इस पर बातचीत हुई है. मुख्यमंत्री 12 वीं बोर्ड को लेकर एक राष्ट्र भर में निर्णय में एकरूपता चाह रहे थे, ताकि राज्य के अलग-अलग बोर्ड के विद्यार्थियों को अलग-अलग बोर्ड के मूल्यांकन के तरीके की वजह से परेशानियों का सामना ना करना पड़े.