- नहीं रहे हमारे मुर्शीद
- नहीं रहे हिंदू संत समाज की मिस्शल को दुनियाभर में जलाने वाले
- नहीं रहे परमआत्मा स्वरूप महान आत्मा
- नहीं रहे वो संत जिनका नाम सुनने से आनंद आ जाता था,,
- नहीं रहे वो हाज़रा हुजूर,,
- नहीं रहे हमारे संत परमानंद जी साहेब जी,
बहुत ही दुखद समाचार आज सुबह तड़के ही मिलने से समूचे उल्हासनगर सहित देश विदेशों में गम का माहौल छा गया है। क्योंकि संत साईं वसनशा साहब जी दरबार के प्रमुख गद्दीसार संत परमानंद साहब जी अपना गुरु चोला छोड़ हजारों लाखों लोगों का दुख दर्द अपने साथ लेकर अपने परिवार साद संगत को छोड़ अपने मुर्शीद के घर पहुंचने की यात्रा शुरू कर गए। संत परमानंद जी के चोला छोड़ने की वजह से बहुत ही बड़ा धक्का सिंधी संत समाज के साथ-साथ विश्व हिंदू समाज को भी लगा है, जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती। वह भी उस महान हस्ती की, उस हमेशा मुस्कुराते चेहरे की, जिसको देखने से ही हजारों लाखों लोगों के दुख दर्द खत्म हो जाते थे। वह महान शख्सियत आज हम सब को छोड़कर ऊपर बादलों में अपने प्यारे दादा संत मुर्शीद साईं वसनशा जी से मिलने निकल पड़े। संत साईं परमानंद जी की चोला छोड़ने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पूरे सोशल मीडिया में तूफान सा आ गया है। कई प्यारों को तो यकीन तक नहीं हो रहा कि, उनका मुर्शीद कैसे अचानक से सब को छोड़कर जा सकता है ? क्योंकि 3 दिन पहले ही संत का अवतार दिवस था।
लाखों लोगों ने फोन पर मैसेज कर वीडियो कॉल कर संत की सोशल साइट पर एप पर संत को बधाई दी थी और संत ने भी सभी की बधाई को दिल से स्वीकार किया था। भला वो संत दो रात में ही कैसे छोड़कर जा सकता है यकीन तो हमको भी नहीं हो रहा है पर कुदरत का नियम है विधान है जो आया है वह जाएगा ही। और कोई अवतार जब जन्म लेकर धरती पर आता है तो वह भी सांस्कारिक और सामाजिक दृष्टि से चोला छोड़ अपने मुर्शीद के पास चला जाता है और पीछे छोड़ जाता है तो उनके महान किए हुए
- कार्य
- कर्म
- संस्कार
- उनके उपदेश और संस्कार को जोड़ने की अमृतवाणी.
आज हमने ऐसे ही महान संत को खो दिया जो संत हजारों साल में एक बार हमारी महान धरती पर हमारे कष्ट दुख हरने हम सबका अच्छा और भला करने को एक बार ही अवतरित होते हैं और हमारा जन्म सफल बनाकर अपनी नेकी बरसा कर वापस उस दुनिया में चले जाते हैं, जहां से वह आए थे। उस दुनिया में जहां से कभी कोई वापस नहीं आता पर उनकी यादें युगों युगों तक हमको उनके बताएं कदमों और मार्ग पर चलने को प्रेरित करती है। ऐसे ही महान आत्मा संत परमानंद साहब जी को हिंदमाता मिरर परिवार और एचएम न्यूज़ की तरफ से श्रद्धांजलि.