अजय शर्मा
आज के दौर में शिक्षा का क्षेत्र बहुत ही हाइटेक हो गया है, अब पूरे दुनिया के साथ भारत मे भी ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है, लेकिन इस पढ़ाई में स्टूडेंट्स ऑनलाइन आते तो है लेकिन पढ़ते है क्या, ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है, वंही ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चो को क्या सीखने को मिलता है, या फिर सिर्फ अच्छे नम्बर मिल गया तो आपको लगता है कि मेरा बच्चा पढ़ाई में बहोत तेज है, लेकिन आप गलत होते है, ऐसे बहोत से मुददों पर नासा के सांइटिस्ट का क्या कहना है क्या कुछ शिक्षा के क्षेत्र में इन्होंने शोध किया है आइये मिलते है बदलापुर में रहने वाले इस इंटरनेशनल साइंटिस्ट से..
अमेरिका के स्पेस सेंटर नासा में बतौर जूनियर साइंटिस्ट के तौर पर काम करने वाले आशीष चौधरी ने इससे पहले मुकेश अम्बानी की जिओ इंडिया में काम कर चुके है, उसके बाद गूगल में अपना परचम लहराने वाले आशीष ने अब अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में स्थित स्पेस सेंटर में पिछले चार महीने से बतौर जूनियर साइंटिस्ट के तौर पर काम कर रहे है, वंही अपने इस शिक्षा के क्षेत्र में नए नए शोध करने का काम सुरु ही रखा है, आपको बता दे कि हॉन्गकॉन्ग में स्थित और वर्ल्ड की सबसे बड़ी शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली यिदान संस्था ने इनके 3 पेटेंट को चुना है जिसमे से एक पेटेंट के लिए अगले कुछ दिनों में हॉन्गकॉन्ग में आशीष को सम्मानित किया जाना है.
आज के दौर में शिक्षा का क्षेत्र बहुत ही हाइटेक हो गया है, अब पूरे दुनिया के साथ भारत मे भी ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है, लेकिन इस पढ़ाई में स्टूडेंट्स ऑनलाइन आते तो है लेकिन पढ़ते है क्या, ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है, वंही ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चो को क्या सीखने को मिलता है, या फिर सिर्फ अच्छे नम्बर मिल गया तो आपको लगता है कि मेरा बच्चा पढ़ाई में बहोत तेज है, लेकिन आप गलत होते है, ऐसे बहोत से मुददों पर नासा के सांइटिस्ट का क्या कहना है क्या कुछ शिक्षा के क्षेत्र में इन्होंने शोध किया है आइये मिलते है बदलापुर में रहने वाले इस इंटरनेशनल साइंटिस्ट से..
अमेरिका के स्पेस सेंटर नासा में बतौर जूनियर साइंटिस्ट के तौर पर काम करने वाले आशीष चौधरी ने इससे पहले मुकेश अम्बानी की जिओ इंडिया में काम कर चुके है, उसके बाद गूगल में अपना परचम लहराने वाले आशीष ने अब अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में स्थित स्पेस सेंटर में पिछले चार महीने से बतौर जूनियर साइंटिस्ट के तौर पर काम कर रहे है, वंही अपने इस शिक्षा के क्षेत्र में नए नए शोध करने का काम सुरु ही रखा है, आपको बता दे कि हॉन्गकॉन्ग में स्थित और वर्ल्ड की सबसे बड़ी शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली यिदान संस्था ने इनके 3 पेटेंट को चुना है जिसमे से एक पेटेंट के लिए अगले कुछ दिनों में हॉन्गकॉन्ग में आशीष को सम्मानित किया जाना है.