अजय शर्मा
मुंबई- ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध कार्यरत उल्हासनगर की हिराली फाउंडेशन के माध्यम से आज कानों की और आंखों की जांच शिबिर का आयोजन हुआ. ध्वनि प्रदुषण एक गम्भीर समस्या बनता जा रहा है, नीरी संस्था द्वारा भी उल्हासनगर को सर्वोच्च प्रदूषित शहर घोषित किया है, ध्वनि प्रदूषण के सबसे अधिक शिकार पोलिस प्रशासन, पत्रकार बन्धु व सामाजिक संस्था एनजीओ के कार्यकर्ता होते है, क्योंकि वे 24 घंटे सेवारत होते है, इसी बात की गम्भीरता को जानते हुये उल्हासनगर की सामाजिक संस्था हिराली फाउंडेशन अध्यक्षा श्रीमती सरिता खानचंदानी और ऑडियोलॉजिस्ट श्रीमती डिम्पल कुकरेजा जी द्वारा ट्रैफिक पुलिस, पत्रकार बन्धु बहनें व एनजीओ के लिये 25 जनवरी की दोपहर 12 बजे से कानों के आरोग्य के लिये आवश्यक ऑडियोग्राम टेस्ट का शिबिर उल्हासनगर कैम्प 3 में आयोजित किया गया था, उल्हासनगर ट्रैफिक यातायात विभाग के अधिकारी कर्मचारियों, पत्रकार भाई बहन व एनजीओ प्रतिनिधियों की कानों की व आंखों की मुफ़्त जांच की गई, ट्रैफिक पुलिस प्रशासन उपायुक्त श्री बाळासाहेब पाटिल, एसीपी दत्ता तोतेवाड, पुलिस निरीक्षक श्रीकांत धरने और नीरी संस्था की तकनीकी अधिकारी श्रीमती कोमल कलवापूड़ी जी ने विशेष रूप से उपस्थित होकर कार्यशाला में मार्गदर्शन किया।