आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के प्रमुख अंश
विकास दर
3.1 प्रतिशत
कृषि व संलग्न कार्य क्षेत्र
3.3 प्रतिशत
उद्योग में- 7.6 प्रतिशत
सेवा क्षेत्र में
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20,293 करोड़
राजस्व घाटा
61,670 करोड़
राजकोषी घाटा
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कर्ज का बोझ बढ़ा
4 लाख 14 हजार 411
2018-19
4 लाख 71 हजार 642
2019-20
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महाराष्ट्र बेरोजगारी में अव्वल नंबर पर
1 लाख 47 हजार लोग बेरोजगार हुए
73 लाख 50 हजार नौकरियां थी 2018-19 में महाराष्ट्र में
72 लाख 3 हजार रह गई हैं इस वित्त वर्ष घटकर
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प्रति व्यक्ति आय बढ़ी
1,91,736 रुपए थी पिछले वित्त वर्ष
2,07,727 रुपए हुई इस वित्त वर्ष
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झोपडपट्टी पर नजर
राज्य में अब भी 3.9 प्रतिशत लोगों के पास घर नहीं
10.5 प्रतिशत आबादी झोपडों में रहने को मजबूर
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वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी
3,71,21,866
इस वित्त वर्ष
3,48,27,511
पिछले वित्त वर्ष
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विमान यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी
454.17 लाख
पिछले वित्त वर्ष
468.12 लाख
इस वित्त वर्ष
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विदेशी निवेश के मामले में दूसरा क्रमांक
2019-20 के दौरान विदेश निवेश 25,316 करोड़ अपेक्षित
2018-19 में यह आकड़ा 80,013 करोड़ रुपए का था।
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बढ़ा खर्च
2018-19 में राज्य का 78,630 करोड़ रुपये वेतन में खर्च हुआ जबकि 2019-20 में 1,15,241 करोड़ रुपये वेतन में खर्च करना पड़ रहा है। वेतन में बढ़ोत्तरी की वजह सातवां वेतन आयोग लागू करना बताया गया है। रिटायर हो चुके कर्मचारियों को दिये जा रहे पेंशन में भी खर्च बढ़ा गया। 2018-19 के दौरान 27,567 करोड़ रुपये पेंशन देना पड़ा था जबकि 2019-20 में यह रकम बढ़कर 36,368 करोड़ रुपये पहुंच रही है।
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महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी वृद्धि
37,567 अपराध दर्ज किए गए 2019 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध
2018 में यह आकड़ा 35,497 और 2017 में 31,997 था
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मुंबई. महाविकास अघाड़ी सरकार
यानि शिवसेना, कांग्रेस
और राकांपा की
संयुक्त सरकार का पहला
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट गुरुवार
को वित्त मंत्री
अजित पवार ने
विधान सभा में
पेश किया। इसके
मुताबिक, महाराष्ट्र की विकास
दर इस साल
घटकर 5.7 फीसदी रहने का
अनुमान है। पिछले
साल राज्य की
विकास दर 7.5 फीसदी रहने का
अनुमान व्यक्त किया गया
है। इसके साथ
ही कृषि व
संलग्न कार्य क्षेत्र में
3.1 प्रतिशत, उद्योग में 3.3 प्रतिशत
और सेवा क्षेत्र
में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि
का अनुमान राज्य
के आर्थिक समीक्षा
रिपोर्ट में व्यक्त
किया गया है। राज्य
के सकल घरेलू
उत्पाद (जीएसडीपी) में इस
चालू वर्ष में
पिछले साल की
तुलना में 2.45 लाख
करोड़ रुपए की
वृद्धि का अनुमान
जताया गया है।
इसके साथ ही
राज्य का औसत
उत्पादन इस साल
2,07,727 लाख रहने वाला
है। रिपोर्ट के
अनुसार महाराष्ट्र की प्रति
व्यक्ति आय 2018-19 में 1.91 लाख
रुपए थी। यह
उत्तर प्रदेश, मध्य
प्रदेश और आंध्र
प्रदेश जैसे राज्यों
से अधिक है।
हालांकि हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना
और तमिलनाडू जैसे
राज्यों की प्रति
व्यक्ति आय महाराष्ट्र
से अधिक है।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के
अनुसार महाराष्ट्र पर 4.72 लाख
करोड़ रुपए के
कर्ज का बोझ
है। 31 मार्च समाप्त होने
जा रहे चालू
आर्थिक वर्ष में
राज्य का राजस्व
घाटा 20,293 करोड़ रुपए और
राजकोषीय घाटा 61,670 करोड़ रुपए
रहने वाला है।
इस मुख्य वजह
अप्रैल से दिसंबर
2019 तक बजट के
दौरान व्यक्त किए
गए अनुमान से
सिर्फ 68.1 फीसदी यानी 2,14,376 करोड़
का ही राजस्व
जमा हो पाया
है। राज्य पर
4.72 लाख करोड़ रुपए का
भारी भरकम कर्ज
का बोझ होने
और बढ़ते राजकोषीय
घाटे पर रिपोर्ट
में सफाई देते
हुए कहा गया
है कि यह
14वें वित्त आयोग
द्वारा तय की
गई सीमा के
भीतर ही है।
बता दें कि
राजकोषीय घाटा राज्य
के सकल घरेलू
उत्पाद (जीएसडीपी) से 2.1 प्रतिशत
और ऋणभार 16.4 प्रतिशत
है।
राज्य की आर्थिक
समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार
महाराष्ट्र में अप्रैल
2000 से सितंबर 2019 तक एफडीआई
के तहत कुल
7.39 लाख करोड़ रुपए का
निवेश हुआ। यह
देश में एफडीआई
के तहत आए
कुल निवेश का
लगभग 29 फीसदी है। दिसंबर
2019 के आखिर में
राज्य में कुल
2.13 लाख करोड़ का निवेश
हुआ। जिससे 78.392 लाख
रोजगार क्षमता के 14.90 लाख
सूक्ष्म, लघु व
मध्यम उपक्रमों ने
उद्योग आधार क्रमांक
हासिल किया।
मुंबई में नाइट
लाइफ की शुरुआत
करने से टूरिज्म
को कितना फायदा
हुआ। इसकी जानकारी
संभवत अगले साल
की आर्थिक समीक्षा
रिपोर्ट में सामने
आये। परंतु राज्य
में 2018 में कुल
11.91 करोड़ घरेलू और 85 लाख
विदेशी टूरिस्ट आये। बता
दें कि मुंबई
में पर्यटन को
बढ़ावा देने के
लिए 100 करोड़, शिवनेरी किले
के लिए 23 करोड़
और रायगड किले
के लिए 20 करोड़
रुपए की निधि
राज्य सरकार ने
उपलब्ध कराई है।
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