ठाणे जिले में सिथत भातसा, मोडक सागर, तानसा और बारवीं जलाशयों का जलस्तर काफी कम हो गया है। विभागीय स्तर पर बताया जा रहा है कि भातसा जलाशय की जल भंडारण क्षमता ९४२.१० घनमीटर पानी की है। लेकिन इसमें केवल ३१५.१० घनमीटर पानी ही बचा है। मडक सागर डैम का भी हाल अच्छा नहीं बताया जा रहा है। इस डैम की क्षमता १२८.९२ घनमीटर की है। लेकिन डैम में केवल २९.९६ घनमीटर पानी ही शेष बचा है। ऐसा ही हाल लगभग तानसा जलाशय को लेकर भी है। तानसा जलाशय में केवल २९.१० घनमीटर पानी ही शेष बचा है। जबकि इसकी जलभंडारण क्षमता १४५.०८ घनमीटर की है। बारवीं डैम को भी लेकर चिंता का माहौल है। डैम की क्षमता २३३.०७ घनमीटर की है। लेकिन डैम में केवल ६४.२६ घनमीटर पानी ही बचा है।
जलाशयों की जल भंडारण क्षमता में भारी कमी के कारण आगे यदि समय पर बारिश नहीं हुई तो जलापूर्ति की गंभीर समस्या पैदा हो सकती है। वैसे आकाश में बादल तो यिनमित दिखाई दे रहे हैं, लेकिन जोरदार बारिश नहीं हो रही है। इस कारण जलाशयों का जलस्तर लगातार कम होता जा रहा है। जबकि पालघर जिले में स्थित जलाशयों धामणी, कडवास और वांद्री के जलभंडारण की क्षमता कम हो गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार धामणी जलाश$य की क्षमता २७६.३५ घनमीटर है, लेकिन यहां ९६.५४ घनमीटर पानी ही बचा है। वांद्री जलाशय में २.९८ घनमीटर पानी बचा है। जबकि इसकी क्षमता ३५.९४ एमएलडी की हैस्लेकिन कडवास जलाशय में अभी भी ९.९८ एमएलडी पानी बचा है। इसकी क्षमता ९.९६ घनमीटर की है। अधिकारी का कहना है कि पुणे स्थित आंध्रा जलाशय में केवल ५४.४० घनमीटर पानी बचा है। आंध्रा डैम की क्षमता ३३९.४१ घनमीटर है।
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